मुक्तक
मुक्तक
बातें आज जब होने लगी, नारी के स्वाभिमान की।
यादें अब आने लगी, अनपढ़ नारी के अपमान की।
स्कूल खोले, गोबर, कीचड़, गाली और पत्थर खाए,
अब वो यादें आने लगी, माई फुले के बलिदान की।
बातें आज जब होने लगी, नारी के स्वाभिमान की।
यादें अब आने लगी, अनपढ़ नारी के अपमान की।
स्कूल खोले, गोबर, कीचड़, गाली और पत्थर खाए,
अब वो यादें आने लगी, माई फुले के बलिदान की।