आज की सुलझी औरत
आज की सुलझी औरत
नाम रख देते हैं लोग
हर उस औरत में
जो जीना जानती है
जो खुल के हंसना जानती है
जो इज्ज़त देना जानती है
जो जानती है की मोहब्बत क्या है
जो जानती है उसकी कीमत क्या है
जो जानती है की इज़्ज़त क्या है
पर फालतू की दखल अंदाजी नहीं जानती
ना खुद के जीवन में जा दूसरे के जीवन में
ऐसी औरत कट जाती है बेशुक्रे लोगों से
बेईमान लोगों से दूर होना जानती है
जानती है कब कौन उसके कंधे पे बंदूक रख अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करेगा
भावनाओं से खेलने वाले और साथ देने वाले के फर्क को जानती है।
किसी के नाम रखने से अब वो सहमती नहीं है
डरती नहीं है लोगों की उंगलियों के उठने से
अब वो जीना जानती है मरने से पहले भरपूर जीना खूबसूरती से जीना ।