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Mukesh Kumar Modi

Inspirational

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Mukesh Kumar Modi

Inspirational

खुद की पीठ थपथपाना

खुद की पीठ थपथपाना

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औरों को छोड़कर तू कर खुद से कुछ देर बात

एकान्तवासी होकर अब खुद से कर मुलाकात


परखकर खुद को तुम अपनी हर कमी मिटाना

जोहरी बनकर अपना चरित्र हीरे सा चमकाना


देहधारियों से किसी मदद की आस ना लगाना

केवल खुदा को ही तुम खुद का सहारा बनाना


खुशियों से भरी सुगंधित लहर खुद को बनाना

सदा हंसते रहना तुम और सबको तुम हंसाना


गर्व करे सब तुझ पर कुछ ऐसा कर दिखलाना

शून्य से चलकर तुम सम्पूर्णता की ओर जाना


कदम ना रुके जब तक ना मिल जाए ठिकाना

अपनी जीत पर तूँ खुद की ही पीठ थपथपाना!



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