जीवन के हर दृश्य में
जीवन के हर दृश्य में
*जीवन के हर दृश्य से*
समय का पहिया रुके नहीं, ये चलता ही जाये
एक ही पल में इसका, हर दृश्य बदलता जाये
एक पल सुख मिलता, दूजे पल में दुख बरसे
हानि उठाने वाला भी, थोड़े से लाभ को तरसे
रुक जाता है जीवन, जाने किस राह पे चलते
उत्पत्ति और विनाश के, दृश्य निरन्तर बदलते
परिवर्तन का नियम, सबके ऊपर लागू होता
केवल मूर्ख व्यक्ति ही, बदलाव होने पर रोता
याद रखो हमेशा, शाश्वत नहीं कोई परिवर्तन
सदा न होता कभी, एक परिस्थिति का दर्शन
अप्रिय परिस्थिति पर कभी, शोक न मनाओ
जीवन के हर दृश्य से, अनुभव उठाते जाओ।