देश विभाजन, चौरासी या - कैसे, कोई, चाहे कहीं के दंगे हों, सब भड़काऊ - मंच के पीछे, आम देश विभाजन, चौरासी या - कैसे, कोई, चाहे कहीं के दंगे हों, सब भड़काऊ - मंच के ...
जिसमे सबका हो निहित लाभ, करना है नर को वही कार्य ।। कुछ मूल्यों से चलता समाज, हो हर मानव हित दृष्... जिसमे सबका हो निहित लाभ, करना है नर को वही कार्य ।। कुछ मूल्यों से चलता समाज,...
ऐसे इन्सान के मन में खुद के अलावा किसी के लिये प्यार नहीं होता। ऐसे इन्सान के मन में खुद के अलावा किसी के लिये प्यार नहीं होता।
नारियल के अंदर की बातें कभी समझ न आए। नारियल के अंदर की बातें कभी समझ न आए।
तेरे नाम से ही मेरा काम बना माँ दास हूं मैं तेरा, मेरी आस बन माँ मेरी आस है तू , तेरे नाम से ही मेरा काम बना माँ दास हूं मैं तेरा, मेरी आस बन माँ मेरी आस...
कहती ये सरकार, लाभ का बिल अन्नदाता। कहती ये सरकार, लाभ का बिल अन्नदाता।