हे जगत तारिणी अम्बे ! हे जगत प्रकाशिनी ! हे कल्याणी ! हे जगत तारिणी अम्बे ! हे जगत प्रकाशिनी ! हे कल्याणी !
जग जननी जग कल्याणी मातारानी जग जननी जग कल्याणी मातारानी
नारियल के अंदर की बातें कभी समझ न आए। नारियल के अंदर की बातें कभी समझ न आए।
बंद कटोरी में मीठा जल, चुपके से भर जाता है।। बंद कटोरी में मीठा जल, चुपके से भर जाता है।।
नारियल नहीं टूटा पर सड़क टूट गयी, नारियल नहीं टूटा पर सड़क टूट गयी,
कलकल बहती धार नदी की मिश्री कानों में घोल रही। पर्वतों की खूबसूरती सबके सर चढ़कर बोल रही। आंख खु... कलकल बहती धार नदी की मिश्री कानों में घोल रही। पर्वतों की खूबसूरती सबके सर चढ...