देश को उन्नति की नहीं, दुर्गति की राह पर ले जाता है। देश को उन्नति की नहीं, दुर्गति की राह पर ले जाता है।
क्यों मन ही मन मुस्कुराते हैं कुछ लोग पर क्या करें दोस्तों इंसान की नीयत नहीं बदलती रंगत बद... क्यों मन ही मन मुस्कुराते हैं कुछ लोग पर क्या करें दोस्तों इंसान की नीयत न...
अपनी अपनी किस्मत है...। अपनी अपनी किस्मत है...।
जैसे पर उड़ जाते हैं एक झोंके से पवन के। जैसे पर उड़ जाते हैं एक झोंके से पवन के।
कलियाँ खिली, गुलशन में पतझड़ आनी बाकी है कलियाँ खिली, गुलशन में पतझड़ आनी बाकी है
कि खौफ अंधेरा हो ये सोचकर भी किसी ने चराग बुझाया होगा। कि खौफ अंधेरा हो ये सोचकर भी किसी ने चराग बुझाया होगा।