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mona kapoor

Classics

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mona kapoor

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अजब कहानी

अजब कहानी

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है चारों तरफ छाया पैसा,

कैसी अजब कहानी है।

कर बुद्धि भ्रष्ट इंसान की,

सिर्फ अपनी ध्वजा फहरानी है।


कर दूर इंसान को इंसान से,

पैसा यह पाठ पढ़ाता है।

घर बड़े दिल छोटे बनाकर,

नियत में खोट बसवाता है।


खरीद शिक्षा को देता,

बेरोजगार को बढ़ावा।

भूखों के लिए न निकलता,

मंदिरों में रोज़ चढ़ता चढ़ावा।


छीन गरीबों का न्याय,

कानून अंधा बनाता है।

देश को उन्नति की नहीं,

दुर्गति की राह पर ले जाता है।


कर दे पागल इंसान को,

खून बन गया पानी है।

है चारों तरफ छाया पैसा,

सच्ची, कैसी यह अजब कहानी है।


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