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Saurav Kumar

Drama

4  

Saurav Kumar

Drama

गरीब

गरीब

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कितना जलील होकर वो वहां रिश्ता निभाया होगा।

जहां ओहदा देखकर शख्स पराया होगा।


उस गरीब से अब तुम रिश्ते की बात करते हो

हां शायद समंदर का पीड़ सड़कों पे आया होगा।


वो अब जिंदगी के हर ऐक सूरते- हाल पे मुस्कुराता है,

यकीं मानों हर मिलने वाले ने उसे बहुत रूलाया होगा।

 

वो आंधियों के इस नियत से वाकिफ नहीं होगा,

कि खौफ अंधेरा हो ये सोचकर भी किसी ने चराग बुझाया होगा।


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