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Diya Jain

Drama Romance

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Diya Jain

Drama Romance

तू है

तू है

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क्यों हर रास्ते मुझे तेरी ही मंज़िल बताते है ?

क्यों हर मुसाफिर उस रास्ते पर

मुझे तेरी ही ख़ैरियत बताता है ?


क्यों हर सुबह तुजसे शुरू

और हर रात तुजसे खत्म होती है?

क्यों हर दूसरे घंटे तेरी याद मुझे सताती है ?


क्यों सब कूछ जानकर

खुदको इतना समझाकर,

बद-नशीब किस्मत से सहमति कर

उन उम्मीदों से डर कर,


क्यों हर बार किस्मत तुझसे टकराती है ?

और क्यों सच जानकर भी

झूठी उम्मीदें जाग जाती हैं ?


क्यों मेरी सबसे बड़ी खुशी की वजह तू है ?

क्यों मेरे दुखो का अंत तू है ?

गौर कर मेरे ऊपर के लफ़्ज़ों पे

क्योंकि समझ गए सब है 

पर तू क्यों नहीं समझ रहा कि

मेरी दिल की राह पर अब तू है।


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