श्रंगार, पीले फूलों को बनाया है अपने गहनें ओढ़ी है धानी चुनरियां, ऐ धरा तुम हमें धन श्रंगार, पीले फूलों को बनाया है अपने गहनें ओढ़ी है धानी चुनरियां, ऐ धर...
प्रेमी ने चूम लिया जब पलकों को मेरी अधरों से सपनें से मैं आ गिरी हकीकत के जहाँ मैं टूट ... प्रेमी ने चूम लिया जब पलकों को मेरी अधरों से सपनें से मैं आ गिरी हकीकत ...
चला छोड़ घर बार जो बेटा बनने मजूर दिहाड़ी। चला छोड़ घर बार जो बेटा बनने मजूर दिहाड़ी।
जग जननी जग कल्याणी मातारानी जग जननी जग कल्याणी मातारानी
उंगलियों ने चाहा ज़ुल्मी जुल्फों को हटाना भौंरे बोलने लगे, ज़रा ठहर जा हसीना उंगलियों ने चाहा ज़ुल्मी जुल्फों को हटाना भौंरे बोलने लगे, ज़रा ठहर जा हसीना
एक तान बजती है ज़िंदगी की सतह पर झूमती, नाचती मदहोशी के आलम में, एक तान बजती है ज़िंदगी की सतह पर झूमती, नाचती मदहोशी के आलम में,