दो दिन का यह जीवन है क्यों लड़ना क्यों झगड़ना ? दो दिन का यह जीवन है क्यों लड़ना क्यों झगड़ना ?
शितल, मधुर, तरल सी नारी अभेद चट्टानों सी नारी कोमल, नाज़ुक सी नारी जागा स्वाभीमान, तो विरांगना भी... शितल, मधुर, तरल सी नारी अभेद चट्टानों सी नारी कोमल, नाज़ुक सी नारी जागा स्वाभ...
ना रोक सकोगे न झुका सकोगे क्यूंकि अब निर्भय हूँ में जीने की उम्मीदों को उठाये हुए फिर खड़... ना रोक सकोगे न झुका सकोगे क्यूंकि अब निर्भय हूँ में जीने की उम्मीदों को ...
कभी ज़िंदगी दोराहे पर तो कभी चौराहे पर खड़ी नज़र आती है, रास्ता हमको मंज़िल हमको खुद तय करनी है... कभी ज़िंदगी दोराहे पर तो कभी चौराहे पर खड़ी नज़र आती है, रास्ता हमको मंज़िल हमको खु...
इरादे मेरे इस मिट्टी के लावा से निकले है नापाक हरकत होगी तो इसी मिट्टी में दफ़न होगा इरादे मेरे इस मिट्टी के लावा से निकले है नापाक हरकत होगी तो इसी मिट्टी में दफ...
घुस कर घर में कुचल डालो अब आतंकी की नींव जवाब दो करारा उनके मनसूबे नासाज़ करने दो घुस कर घर में कुचल डालो अब आतंकी की नींव जवाब दो करारा उनके मनसूबे नासाज़ कर...