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Karan Mistry

Inspirational

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Karan Mistry

Inspirational

भारत

भारत

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तुम तोड़ोगे मुझे मैं अपने खून से लड़ूंगा

कोशिश करेगा मनाने की मैं तुझे मनाऊंगा


गहरे समंदर को चीरना जानता हूँ मैं

किनारे पे लाके मैं तुझे वही डूबाऊँगा


इरादे मेरे इस मिट्टी के लावा से निकले है

नापाक हरकत होगी तो इसी मिट्टी में दफ़न होगा


मेरे हौसले ही मेरी जंग का आगाज़ है

तेरे हज़ार झूठ में, एक सच आज़ादी का ढूंढूंगा


एक साथ रहूँगा एक जूट रहूँगा तभी मैं

लाखों संस्कृति का समन्वय भारत कहलाऊंगा



साहित्याला गुण द्या
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