मुझे बता
मुझे बता
कौन सा तारा है जो टूटा नहीं
आखिर तू एक इंसान ही तो है।
तेरे पास जो है
वो तुझे ही क्यूं नहीं दिखता
ज़िन्दगी एक मंज़र ही तो है।
तू बेखौफ जी
भले नाकामयाबी तेरे हिस्से में आये
दूर खड़ी कोई एक मंज़िल ही तो है।
तू दस्तक तो दे
अगर ना मिले कुछ तो बताना
जो देखे थे वो सपने वही तो है।