बेखबर सी ज़िन्दगी के
बेखबर सी ज़िन्दगी के
ऐसे ही ज़माने को ,अपने साथ लिए चल ,
बेखबर सी ज़िन्दगी के ,ना जाने कितने पल ?
यूँ तो कोई किसी के ,ना साथ होगा हर पल ,
बस फिर भी तू सबको ,अपने साथ लिए चल
ये साथ ज़माने का ,कभी थकने ना देगा ,
हँसी - खुशी बीत जायेंगे ,जीवन के ये पल
साथ कुछ ना ले जाओगे ,बस रह जायेंगी कुछ यादें ,
उन्ही को याद करके ,जमाने में होगी हलचल
कभी जब दरखतों में ,उभर आयेंगी दरारें ,
यही ज़माना थाम लेगा ,तब लगा कर पूरा बल
ऐसे ही ज़माने को ,अपने साथ लिए चल ,
बेखबर सी ज़िन्दगी के ,ना जाने कितने पल ?
