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Simpy Aggarwal

Inspirational

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Simpy Aggarwal

Inspirational

"नयी शुरुआत, नयी-सी मैं"

"नयी शुरुआत, नयी-सी मैं"

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मैं, मैं हूँ,

हाँ मैं... मैं ही तो हूँ! 

मेरा कोई दूजा रूप नहीं,

अपनी मुस्कान भी मैं,

अपनी पहचान भी मैं,

मैं को मैं से हम करूँ,

अपने मन को यूँ ज़िंदा करूँ,

एक नया सा नाम धरूँ,

खुद से आज दोस्ती मैं करूँ!

हर रात के बाद है सवेरा,

निज प्रेम का करूँ बसेरा,

कीमत है जीवन की बहुत,

खुद से आज लेलूं मैं फेरा!

बनूँ खुद से विनम्र,

फ़र्ज़ यही है प्रथम,

ईमानदारी को उतार ज़ेहन में,

निष्ठा का करूँ जहां में संक्रमण!

आज मैं अपनी पसंद बनूँ,

नापसंद को भी एक मौका दूँ,

शक्तियों को उभार,

खामियों को मुक्ति दूँ,

गलतियों से सीख लूँ,

सकारात्मकता इस कदर भरूँ,

मन को निखार लूँ,

अपना ही एक प्रकार बनूँ,

खुद से रख हर आस,

सबका फिर विश्वास बनूँ,

अपना ही आकार मैं,

खुद के बिन निराकार मैं,

अपने वर्चस्व को ज़िंदा रख,

अपनों का सर्वस्व बनूँ,

वाणी को डुबो चाशनी में,

रिश्तों में फिर मिठास भरूँ,

मन से खुश रहूँ मैं,

मुस्कान का फिर प्रकाश बनूँ,

सूर्य को भर स्वयं में,

फिर दीपक की लौं बनूँ,

इस कदर खुद से मैं प्रेम करूँ,

हर निराशा में एक आशा भरूँ!

खुद को समझूँ और समझाऊँ,

खुद को खुद के काबिल बनाऊँ!


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