Karan Mistry
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ये कहानियाँ
ये लिखाईयाँ
ये कोरे कागज़ के फ़साने
के हज़ार शब्द के बाद भी अधूरी
रह जाती है ज़िंदगी,
एक ही तराना क्यों है?
के लाख कोशिशों के बाद भी
अधूरी रह जाती है मंज़िल...
ना जा बंदेया
वो आने वाली थ...
भारत
नारी कहलाती ह...
महाकाल
मुझे बता
इज़हार
ज़िन्दगी तुम इ...
लिख दिया