नव वर्ष (2023)
नव वर्ष (2023)
ठंडे-ठंडे मौसम में नव वर्ष जब भी आता है।
गर्म रहने वालों को भी शीतलता पहुँचाता है।।
पुराने साल से सीखकर जब नए साल का आगमन होता है।
यथार्थ के धरातल पर तब नव पौधा फिर उगता है।।
नव वर्ष आने पर हम सभी खिल जाते हैं।
अपनों संग परायों के भी दिल मिल जाते हैं।।
इस तरह से मिलजुलकर नया साल मनाते हैं।
खूब मालामाल हो स्वस्थ हाल सबके हो जाते हैं।।
नव वर्ष पर फ़र्श से लेकर अर्श तक सभी खूब आनंद उठाते हैं।
प्रकृति के साथ नाचने-गाने वाले अपनी प्रकृति को चमकाते हैं।।
प्रसन्न चित्त के साथ सबका हित करने वाले ही सभी को भाते हैं।
इसीलिए नए साल में अपने-पराए का भेदभाव हम मिटाते हैं।।
नव वर्ष नई आशाएं तथा नई उम्मीदें लेकर आता है।
सुख-दुख की खट्टी-मीठी यादों संग समय बिताता है।।
कभी ज़िंदगी में खूब हँसाता तो कभी हमें रुलाता है।
इस प्रकार यादगार लम्हों के साथ बहुत रंग जमाता है।।
नव वर्ष हर बार केवल कमाल करके जाता है।
दुनिया में खूब रौनक तथा धमाल करके जाता है।।
