बैठ छांव दरख्त ए चिनार की ले लूं रस मीठे गुलनार की बैठ छांव दरख्त ए चिनार की ले लूं रस मीठे गुलनार की
तोड़ा था जो पत्ता तुमने उस शाख का, सुना है शजर में अभी जान बाकी है। तोड़ा था जो पत्ता तुमने उस शाख का, सुना है शजर में अभी जान बाकी है।
कभी अर्श पर , कभी फर्श पर । जीवन चलता , इसी तर्ज पर ।। कभी अर्श पर , कभी फर्श पर... कभी अर्श पर , कभी फर्श पर । जीवन चलता , इसी तर्ज पर ।। कभी अर्श...
तिनका-तिनका समेट कर रखा है दिल की दीवारों में नज़रबंद। मेरे रोशनी के पंख। तिनका-तिनका समेट कर रखा है दिल की दीवारों में नज़रबंद। मेरे रोशनी के पंख।
जो सोचा वो हमेशा नहीं होता इस दुनिया पर, मौज, मस्ती, अपने, पराए, मिली कितनी ही प्रथाएं जो सोचा वो हमेशा नहीं होता इस दुनिया पर, मौज, मस्ती, अपने, पराए, मिली कितनी ह...
सारे अरमान कुचल दिए गए मुझे मसल दिया गया वहशी दरिंदों तुमने एकबार भी न सोच मेरी तरह तुम्हारी भी तो... सारे अरमान कुचल दिए गए मुझे मसल दिया गया वहशी दरिंदों तुमने एकबार भी न सोच मेर...