खुद हीं अब खुद के सहारे बनो तुम, मौजों से भिड़े हो पतवारें बनो तुम। खुद हीं अब खुद के सहारे बनो तुम, मौजों से भिड़े हो पतवारें बनो तुम।
अविस्मरणीय भोजन था वन-विहार का, कोई न दूजी राय भला। अविस्मरणीय भोजन था वन-विहार का, कोई न दूजी राय भला।
मरते दम तक वीर, दुश्मन से रहे लड़ता। मरते दम तक वीर, दुश्मन से रहे लड़ता।
प्रकृति की गोद में समाई सारी मौज रे प्रकृति की गोद में समाई सारी मौज रे
सोना है भरपूर, खाइए खाणा ताजा। सोना है भरपूर, खाइए खाणा ताजा।
बडे़-बडे़ लछ्य छोटे पड़ते ऐसी एकता की ताकत बेजोड़। बडे़-बडे़ लछ्य छोटे पड़ते ऐसी एकता की ताकत बेजोड़।