Shraddhanjali Shukla
Action
लड़ता काबिल वीर है, लेकर अपनी फौज
करता वो चिंता नहीं, दिल का है मन मौज।
दिल का है मन मौज, जान पे वीर खेलता
भारत पर कुर्बान, तेज वार को झेलता।
सहकर सारे जख्म, रहे खड़ा नहीं डरता
मरते दम तक वीर, दुश्मन से रहे लड़ता।
माँ भारती के...
आल्हा छंद
मौसम
अपराध
माँ शेरों वाल...
छल
कोरोना
महादेव
जिंदगी
आज के रिश्ते
वो ही बदला करते हैं अपने क्षेत्र औ समाज का इतिहास। वो ही बदला करते हैं अपने क्षेत्र औ समाज का इतिहास।
हसरतों को नियंत्रित करना है, अनियंत्रित हुई तो गड़बड़ हुई। हसरतों को नियंत्रित करना है, अनियंत्रित हुई तो गड़बड़ हुई।
एकता और प्रेम में विश्वास रखें हम, आओ, हम अन्य भ्रांतियों पर कुठाराघात करें। एकता और प्रेम में विश्वास रखें हम, आओ, हम अन्य भ्रांतियों पर कुठाराघात करें।
कोरा काग़ज़ भरना सदा चाहा, कभी प्रेम पर लिखते हुए सदा। कोरा काग़ज़ भरना सदा चाहा, कभी प्रेम पर लिखते हुए सदा।
पूरी दुनिया में वो अपने मां बाप और देश का झंडा फहराएंगी। पूरी दुनिया में वो अपने मां बाप और देश का झंडा फहराएंगी।
लेकिन खुशियों का खजाना तो दिन पर दिन बढ़ता ही जाएगा। लेकिन खुशियों का खजाना तो दिन पर दिन बढ़ता ही जाएगा।
मन की उलझन को यूं ही सुलझाती। मन की उलझन को यूं ही सुलझाती।
अपनी नारे के द्वारा उन्होंने जवान और किसान के महत्व को समझाया था। अपनी नारे के द्वारा उन्होंने जवान और किसान के महत्व को समझाया था।
लेकिन विश्वास फिर नहीं मिलेगा जो टूट गया। लेकिन विश्वास फिर नहीं मिलेगा जो टूट गया।
कंक्रीट के जंगल उगाने वालों यदि किसानों ने खेती ही छोड़ दी, तो अपने पैसे लेकर तुम कहां कंक्रीट के जंगल उगाने वालों यदि किसानों ने खेती ही छोड़ दी, तो अपने पैसे लेकर...
और क्या कहेंगे जहां बच्चा क ख ग से शुरू कर बड़ा इंसान बनता जाता और क्या कहेंगे जहां बच्चा क ख ग से शुरू कर बड़ा इंसान बनता जाता
आध्यात्मिक रंग के चश्मे पहन, सभी सर्वज्ञ ज्ञाता हो गए हैं। आध्यात्मिक रंग के चश्मे पहन, सभी सर्वज्ञ ज्ञाता हो गए हैं।
शांतिपूर्ण आनंदमय जीवन देती है जो उत्साह और प्रेम से भरा हो। शांतिपूर्ण आनंदमय जीवन देती है जो उत्साह और प्रेम से भरा हो।
क्यों देख रही है उन कदमों को जो मंजिल तक ले जाए क्यों देख रही है उन कदमों को जो मंजिल तक ले जाए
छोटी-छोटी बातों को लेकर हो जाती हूं हताश छोटी-छोटी बातों को लेकर हो जाती हूं हताश
यह क्या हुआ कि तुझसे भी बहुमूल्य हो गया यह सामान। यह क्या हुआ कि तुझसे भी बहुमूल्य हो गया यह सामान।
चमक "पूर्णिमा" चमकती, धरा पे तीर्थधाम।।५ चमक "पूर्णिमा" चमकती, धरा पे तीर्थधाम।।५
हिंदी वो भाषा है जिसमें बसते हिन्दुस्तान के प्राण हिंदी वो भाषा है जिसमें बसते हिन्दुस्तान के प्राण
उसे आरोग्यता प्रदान कर उसे पीड़ा से उबार दो! उसे आरोग्यता प्रदान कर उसे पीड़ा से उबार दो!
दुश्मनों के इरादों पे हमेशा रखी नजर हमने कड़ी दुश्मनों के इरादों पे हमेशा रखी नजर हमने कड़ी