महादेव
महादेव
पियो हलाहल आप ही, कर दो अब उद्धार।
माफ़ करो जन पाप को, अब ए तारनहार।
घोर विपदा का काल है, भटक रहा है काल।
शरण पड़े सब आपकी, बचा हे महाकाल।
पाप कर्म में लिप्त थे, घिरे अधम से रोज।
सजा मिले पर डर रहे, फैला खौफ का ओज।
बालक अपना जानके, करो क्षमा प्रभु आप।
प्रकृति प्रलय है खेलती, हरे कौन संताप।