माँ भारती के लाल
माँ भारती के लाल


माँ भारती के लाल आज रण में चले।
पहन के कफन वीरता का तन में चले।।
वो आँधियों को चीरते खौफ से परे-
मर मिटने वीर आज वो वतन में चले।।
बस देख शान बान सभी काँपते रहे।
दुश्मनो के वीर सबल हाँफते रहे।।
रगो में बही आज धार मात प्रेम की-
मिली ना कमी जिसे सकल झाँकते रहे।।
भूल भेद कष्ट सारे सरहद में डटे।
आये आँधी या तूफान वीर न हटे।
ठोंक छातियाँ जवान
ललकार मारते-
मरते समय तक वीर जय हिंद ही रटे।
कर्ज तुम्हारा कभी चुका न पाएँगे।
अनमोल तेरा कर्म क्या मोल चुकाएंगे।
पर वादा है हिंद का तुमसे भाइयों -
तेरी कुर्बानियां दिल में बसाएँगे।।