खालीपन
खालीपन
अपने अंदर का खालीपन
मैं इन पन्नों में भर देता हूँ
छट जाती है नज़र से धूल
खिलता है मन का फूल
अौर मैं अरमानों की तितली को
हौंसलों के पर देता हूँ
अपने अंदर का खालीपन
मैं इन पन्नों में भर देता हूँ...।
लफ्ज़ों में कहानी ढूंढता हूँ
समझ में नादानी ढूंढता हूँ
लौट आये वो खोई मासूमियत
कोइ ऐसी शैतानी ढूंढता हूँ
रोज़ाना यूं ही गुम होने की
खुद को खबर देता हूँ
अपने अंदर का खालीपन
मैं इन पन्नों में भर देता हूँ...।
खुदगर्ज़ी में कुरबानी ढूंढता हूँ
हल में परेशानी ढूंढता हूँ
हर नये किस्से में कोई
बात पुरानी ढूंढता हूँ
कितनी दफ़ा मंज़िल से गुज़रकर
ज़िंदगी को सफ़र देता हूँ
अपने अंदर का खालीपन
मैं इन पन्नों में भर देता हूँ...।