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मैं ना लौटा तो........

मैं ना लौटा तो........

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मैं ना लौटा तो देखो रोना नहीं

मैं तुझी मे हूँ खुद को खोना नहीं

सर उठाकर देख लेना आसमान मे

मैं दिखूँगा चाँद की मुस्कान मे

यूँ बिखर कर ना फिर से मेरी जान लेना

जो लिखा है लकीरों मे उसे मान लेना

जिंदा रखना मुझे अपनी पहचान मे

मैं दिखूँगा चाँद की मुस्कान मे


मिलने आऊंगा जब भी तुझे याद मे

अगले जनम माँगूँगा फरियाद मे

जब भी होने लगे जिंदगी से खफा

होठों पर हंसी लायेगी मेरी वफ़ा

टूट कर ना जुड़े दिल वो खिलौना नहीं

मैं ना लौटा तो देखो रोना नहीं


यूँ होकर नम मुझे कमज़ोर ना कर

अपनी खामोशीयों से शोर ना कर

ये लम्हा क्यूँ अश्कों मे यूँ खाक हो

अगली दफ़ा गर हाथों मे मेरी राख हो

मुस्कुराये बिना मुझे डूबोना नहीं

मैं ना लौटा तो देखो रोना नहीं


दे दिलासा कोई तू अपने जतन को

है जरुरत मेरी वहाँ मेरे वतन को

फक्र से लगना सीने मेरी वर्दी के

रूह से रूह मिलेगी हमदर्दी से

बस लहू इन नैनो से धोना नहीं

मैं ना लौटा तो देखो रोना नहीं

मैं तुझी मे हूँ खुद को खोना नहीं

सर उठाकर देख लेना आसमान मे

मैं दिखूँगा चाँद की मुस्कान मे


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