आँखों को अपनी भिंच तू सपनों को अपने सींच तू आँखों को अपनी भिंच तू सपनों को अपने सींच तू
राष्ट्र पुनरुत्थान के पथ पर अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं...। राष्ट्र पुनरुत्थान के पथ पर अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं...।
जानवरों की दुनिया तो एकदम अलग ही होती कहानी जंगल में सभाएं जुड़ती। जानवरों की दुनिया तो एकदम अलग ही होती कहानी जंगल में सभाएं जुड़ती।
सपनों के दीप जलाऊं फिर, जीवन को दूं एक नई लय। सपनों के दीप जलाऊं फिर, जीवन को दूं एक नई लय।
हमारी मानसिक शांति को छीन लेता है। हमारी मानसिक शांति को छीन लेता है।
सौंप दिया उसे मैंने, प्यार से माँ की गोद में, अब उसे पल पल, बस बढ़ते देखना चाहता हूँ। सौंप दिया उसे मैंने, प्यार से माँ की गोद में, अब उसे पल पल, बस बढ़ते देखना चा...
अभिमन्यु का व्यूह भेदन हूँ कौरवों का अति वेदन हूँ। अभिमन्यु का व्यूह भेदन हूँ कौरवों का अति वेदन हूँ।
पेड़ों के पत्तों से झर-झर करते हुए। मानो पेड़ के पत्ते की बरसात कर रहे हैं। पेड़ों के पत्तों से झर-झर करते हुए। मानो पेड़ के पत्ते की बरसात कर रहे हैं।
आज गुजरा जमाना याद आ गया। मां तेरे साथ बिता एक एक पल मुझे याद आ गया। आज गुजरा जमाना याद आ गया। मां तेरे साथ बिता एक एक पल मुझे याद आ गया।
समय से पहले सब नष्ट हो जाएगा प्रकृति अनमोल उपहार करो इसकी देखभाल समय से पहले सब नष्ट हो जाएगा प्रकृति अनमोल उपहार करो इसकी देखभाल
वफ़ा की किताब में नाम था उनका, पर खुद ही उस किताब को जला गए। वफ़ा की किताब में नाम था उनका, पर खुद ही उस किताब को जला गए।
लड़ाई समाज से नहीं, अपने ही घर में हार रही हूँ, लड़ाई समाज से नहीं, अपने ही घर में हार रही हूँ,
तो उन मां-बाप पर क्या गुजरती होगी यह भी भूल जाते हैं कि उनके भी बच्चे हैं। तो उन मां-बाप पर क्या गुजरती होगी यह भी भूल जाते हैं कि उनके भी बच्चे हैं।
प्रधान मंत्री जी, स्पष्ट उद्देश्य के साथ, साल दर साल भारत का नेतृत्व कर रहे हैं। प्रधान मंत्री जी, स्पष्ट उद्देश्य के साथ, साल दर साल भारत का नेतृत्व कर रहे ह...
देख कर सुबह का समाचार पत्र मां का मन तो धक से रह जाए। देख कर सुबह का समाचार पत्र मां का मन तो धक से रह जाए।
इंतजार चांद का, मगर चांद छुपा हुआ है। इंतजार चांद का, मगर चांद छुपा हुआ है।
महज़ एक हिस्सा बन कर रह जाएगा और कुछ नहीं. महज़ एक हिस्सा बन कर रह जाएगा और कुछ नहीं.
पिशाचों सी वीभत्स क्रीड़ा करते हुए वेदना हृदय को क्यों नहीं सताती है? पिशाचों सी वीभत्स क्रीड़ा करते हुए वेदना हृदय को क्यों नहीं सताती है?
ठहरा गया संसार जहां, वहीं मेरी शुरुआत है ठहरा गया संसार जहां, वहीं मेरी शुरुआत है
अनंत शक्ति एवं अदम्य साहस का निरंतर स्रोत है...!! अनंत शक्ति एवं अदम्य साहस का निरंतर स्रोत है...!!