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Sunita Maheshwari

Action Tragedy

4.9  

Sunita Maheshwari

Action Tragedy

शहीद

शहीद

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सो गया चिर नींद में वह, इस धरा की गोद में

प्राण देकर भारती हित, वीर है चिर मोद में।

है तिरंगा तन सुशोभित, पुष्प गोलाकार है

जीत का है तिलक माथे, भावना के हार है।


खो दिया है लाल अपना, रो रही ममता खड़ी

गर्व का था भाव मन में, त्याग की है यह घड़ी।

अब न अपने लाल को वह, देख पायेगी कभी

अमर है यह लाल उसका, जानते हैं हम सभी।


है बिलखती प्रेयसी तो, लुट गया संसार है

बिन पिया जीवन कठिन जो, लग रहा अब भार है।

गर्व सीने में छिपाए, देखती लुटता चमन

अश्रु की बूँदें बहाकर, कर रही प्रिय को नमन।


देश करता है नमन, अतुलित अटल रणवीर को

वीरता के मंत्र गूँजे, अर्पित सुमन धीर को।

शौर्य गाथा लिख चला वह, शत्रु के छक्के छुड़ा

प्रेरणा का स्रोत सैनिक, अमर पथ पर है मुड़ा।।


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