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Sunita Maheshwari

Comedy Action

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Sunita Maheshwari

Comedy Action

प्रश्न पर प्रश्न

प्रश्न पर प्रश्न

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लड़की देखन हम गए हुए प्रश्न पर प्रश्न |

प्रश्नों के जंजाल में भूल गए सब जश्न।

भूले हम तो जश्न ,पैकेज का प्रश्न था भारी।

गाड़ी, बँगला, एकाउंट के सवाल थे जारी।

 

जॉइंट फैमिली नहीं, चाहिए एकल परिवार।

दफ्तर-घर के चक्कर में कौन देखे घर वार।

खाने की बात पे बोली, मैं दफ्तर जाऊँगी।

खाना तुम बनाओगे, मैं तो थककर आऊँगी।

 

सिनेमा, शौपिंग, होटल तुम ले ही जाओगे ?

डिस्को, पिकनिक, आदि भी जरूर कराओगे ?

मुझे अपनी स्पेस चाहिए, माँग मेरी है यही। 

मेरी जिन्दगी के पन्नों को तो टटोलोगे नहीं ?

 

सुन मैडम की बातें, सिर खा गया चक्कर।

भागा विवाह का भूत, पड़ी जो जोर की टक्कर| 

छोड़ा ब्याह का ख्याल, तुरंत वापस घर आया।

प्यारा बैचलर जीवन ही, मेरे मन को भाया।


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