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Sunita Maheshwari

Crime Inspirational Others

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Sunita Maheshwari

Crime Inspirational Others

बहु कहाँ से लाओगे ?

बहु कहाँ से लाओगे ?

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जब बेटी को मारोगे तो बहु कहाँ से लाओगे ?

बेटों की चाहत वालों, पोते कहाँ से पाओगे?

बेटों का संसार कुचल ख़ुशी कैसे मनाओगे ?

प्रकृति-नियमों को भला कैसे झुठला पाओगे ?

परमात्मा भी रचते सृष्टि प्रकृति के संयोग से।

पशु-पक्षी, जीव-जंतु सब नर-मादा के योग से।

जननी को ही मार, सृष्टि तुम कैसे रचाओगे ?


कन्याओं की कमी कर क्या दुराचार बढ़ाओगे ?

कुरीतियों से घिरे, सामाजिक विकृतियों में जकड़े।

लोभ, लालच, कुंठा से घिर फिरते हो अकड़े-अकड़े।

पथभ्रष्ट हो कन्या-हत्या-हथकंडे तुम अपनाओगे।

अक्षम्य पाप करोगे तो सज़ा अवश्य ही पाओगे।

जब बेटी को मारोगे तो बहु कहाँ से लाओगे ?


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