पहले प्यार का जादू
पहले प्यार का जादू
मनो मस्तिष्क में
पर्त दर पर्त
अवचेतन मन की
अनंत गहराइयों में
जमा ली हैं
कभी न खत्म
होने वाली जड़ें,
जो पनपती हैं
कभी यादों की लताओं सी,
कभी स्वप्न के पुष्पों सी,
और कभी चेतन मन में
खिलते कमल सी
यही तो है तुम्हारे
पहले प्यार का जादू
जो भुलाए नहीं भूलता।