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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Action Crime

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Dr Hoshiar Singh Yadav Writer

Action Crime

हरा रंग

हरा रंग

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हरा रंग हरियाली का द्योतक,

सस्य धरती पर हो हरी भरी।

सब रंगों में नेक है यह रंग,

घस, दूध, फसल हरी हरी।।


सुग्राही रंग कहलाता हरदम,

घास पर चलो आंखों में दम।

खेत क्यार अगर पीले पड़ते,

जन को होता जमकर ही गम।।


हरियाणा में पार्टी की पगड़ी,

हरे रंग की धारण वे करते।

हरे रंग में प्रकाश संश्लेषण,

हर प्राणी के कष्ट वो हरते।।


हरित क्रांति नाम पड़ा जब,

ई-बोरलोंग व नार्मन आये।

इतनी हरियाली धरा कर दी,

हरित क्रांति वो नाम कहाये।।


हरी पत्तेदार बाजार में मिले,

सब्जियां मन को लुभाती हैं।

वन्य जीव भी हरियाली ढूंढे,

हरियाली मन को तड़पाती है।।


सावन की जब बारिश होती,

चहुं ओर हरियाली छा जाये।

कृषक चले हल उठाके देखो,

हर इंसान के मन को हर्षाये।।


हरियाली हरे रंग का प्रतीक,

हर प्राणी के मन को लुभाये।

हरी डाल पर बैठकर पक्षी भी,

कितने ही सुरीले गीत सुनाये।


हरियाली से प्रेम जो करते हैं,

प्रकृति प्रेमी जग में कहलाते।

नहीं कभी घटने हरा रंग पाये,

हरे रंग जन जन को बहलाते।।



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