है धरा पर देव जो भी, सब तुम्हारे बाद हैं। माँ तुम्हारे प्यार की हर, वो कहानी याद है है धरा पर देव जो भी, सब तुम्हारे बाद हैं। माँ तुम्हारे प्यार की हर, वो कहानी ...
रूखी सुखी खाये खुद मुझे माखन मिश्री सा भोग लगाई है रूखी सुखी खाये खुद मुझे माखन मिश्री सा भोग लगाई है
कैसे जाऊँ गहन कानन में मानव में उन को नष्ट किया वनराजा कहते थे मुझ को राज्य छीन मुझे कैसे जाऊँ गहन कानन में मानव में उन को नष्ट किया वनराजा कहते थे मुझ को र...
छाया है "कोरोना" का कोहरा कैसे इसे मिटायें। हे प्रभु! दया कर इस महामारी का कष्ट हटायें छाया है "कोरोना" का कोहरा कैसे इसे मिटायें। हे प्रभु! दया कर इस महामारी का कष...
मानव-सा न देती है साथ किसी कष्ट में मानव-सा न देती है साथ किसी कष्ट में
आँखों का दर्द जुबान पी गये, जिंदगी की तलब में भटके जो दरबदर! आँखों का दर्द जुबान पी गये, जिंदगी की तलब में भटके जो दरबदर!