समाजिक कुरीति, कुप्रथा, भ्रष्टाचार, भ्यविचार, अनाचार, के विरुद्ध लिखना ही मेरा प्रथम लक्ष्य है
प्रेम तक तो ठीक था, पर पीर की क्या आवश्यकता थी प्रेम तक तो ठीक था, पर पीर की क्या आवश्यकता थी
होलिका में आप आना, मिल गया पैगाम तेरा, पर प्रिये ! ऐसी दशा है, क्या कहें कैसे बताएं ? होलिका में आप आना, मिल गया पैगाम तेरा, पर प्रिये ! ऐसी दशा है, क्या कहें कैसे...
जब जीवन को समझने के बाद मेरे हृदय में प्रेम जागृत हुआ तब मेरे आस पास कोई नहीं है। जब जीवन को समझने के बाद मेरे हृदय में प्रेम जागृत हुआ तब मेरे आस पास कोई नहीं है...
"माँ जी 'आज उनकी तबियत ठीक नहीं है. आप एक दो रोज और इंतजार करें। "माँ जी 'आज उनकी तबियत ठीक नहीं है. आप एक दो रोज और इंतजार करें।
ऐनें प्रविन डाक्टर बन गईलें उनकरो शादी बीआह हो गईल कुछ दिन त सब कुछ अच्छे से चलल । ऐनें प्रविन डाक्टर बन गईलें उनकरो शादी बीआह हो गईल कुछ दिन त सब कुछ अच्छे से चलल...
संपूर्ण जीवन भलाई करते रहने का आखिर यह कैसा फल है……? संपूर्ण जीवन भलाई करते रहने का आखिर यह कैसा फल है……?
घर में कौन सा खजाना गड़ा हुआ है जो वहाँ पहुँचते ही खोद कर निकाल लूँगा घर में कौन सा खजाना गड़ा हुआ है जो वहाँ पहुँचते ही खोद कर निकाल लूँगा
वैसे तो हमारे संविधान में दहेज़ उत्पीड़न के लिए बड़ा सख़्त कानून है वैसे तो हमारे संविधान में दहेज़ उत्पीड़न के लिए बड़ा सख़्त कानून है
अपने पाठकों के मन को चोटिल करता हूँ अब आप पाठकगण ही बताये मैं क्या करूं। अपने पाठकों के मन को चोटिल करता हूँ अब आप पाठकगण ही बताये मैं क्या करूं।