@pn-snjiiv-shukl-scin

पं.संजीव शुक्ल सचिन
Literary Colonel
39
Posts
29
Followers
5
Following

समाजिक कुरीति, कुप्रथा, भ्रष्टाचार, भ्यविचार, अनाचार, के विरुद्ध लिखना ही मेरा प्रथम लक्ष्य है

Share with friends

शोक भरे उर में रघुनंदन, ताक रहे हनुमान न आये | देख दशा निज भ्रात दयानिधि, सोच रहे जयगान न आये | सूख गया दृग नीर गया बह, आज बिना कपि प्रान न आये | पीट रहे हृद जोह रहे पथ, आज अभी सुख खान ने आये || ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन'

मैं विरहन बनकर फिरूं, तुम बैठे प्रदेश। दर्शन देने आइए,या भेजें संदेश।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन'

पादप को काटकर, जीवन को छांट कर, अपने ही पथ पर, शूल तुम बो रहे। फल फूल देने वाले, विष छीन लेने वाले, तरू प्राणवायु वाले, खुद से ही खो रहे। विटप बिना ये जीवन, लगे जैसे विषवेल, शाखी काट काट कर, नियति को धो रहे।। स्वास आश सभी गाछ, खिले जिनसे ये बाछ, पहचान भावी को भी, आज तुम सो रहे। पं.संजीव शुक्ल 'सचिन'

मन काला तन श्वेत है,कहता खुद को संत। इनसे उत्तम तो लगें, वन के हिंसक जंत।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन'

नारायण उर मे बसें, भटक रहा है जीव। दुग्ध बिना कैसे मिले, जग को उत्तम घीव।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन'


Feed

Library

Write

Notification
Profile