सपना
सपना
सपने कभी नहीं अपने होते,
कह गये कितने जग के संत।
सपने पर विश्वास करेगा जो,
हो जाएगा एक दिन ही अंत।।
रामराज का सपना दिल में है,
अजब राज भारत भला चंगा।
आजादी की खुशियां दिल में,
फहराएगा अब घर घर तिरंगा।।
काश वो वक्त लौट आये,
राम राज्य सपना साकार।
भाई भाई में मिले एकता,
अजब गजब का हो प्यार।।
रामराज का सपना लिये हैं,
गरीब अमीर सब अविराम।
आशा तृष्णा खत्म मिलेगी,
अयोध्या में आये मेरे राम।।