दीबा है मेरा नाम मेरे रुप कई हैं हूँ धूप कहीँ और कहीँ सावन की झड़ी हूँ दीबा है मेरा नाम मेरे रुप कई हैं हूँ धूप कहीँ और कहीँ सावन की झड़ी ...
सबसे ख़ूबसूरत थी मेरे बचपन की छोटी सी ज़िन्दगानी सबसे ख़ूबसूरत थी मेरे बचपन की छोटी सी ज़िन्दगानी
मत काटो तुम पेड़ को वरना जिंदगी बिखर जाएगी।। मत काटो तुम पेड़ को वरना जिंदगी बिखर जाएगी।।
नगें पैरों तले मैदान में पतंग लिए, पुरानी यादें ताजा करते हैं। नगें पैरों तले मैदान में पतंग लिए, पुरानी यादें ताजा करते हैं।
आइसक्रीम भी खिलवाँ दूर्गा, ऐसे तो नखरे ना दिखाओ।। आइसक्रीम भी खिलवाँ दूर्गा, ऐसे तो नखरे ना दिखाओ।।
चलो जरा अब तुम भी बता दो मुझे कि क्या तुम्हारा भी बचपन तुमसे दूर था। चलो जरा अब तुम भी बता दो मुझे कि क्या तुम्हारा भी बचपन तुमसे दूर था।