पतंग
पतंग
1 min
270
आओ कहीं चलते हैं
नंगे पैरों तले मैदान में,
पतंग लिए पुरानी यादें
ताजा करते हैं
कटे फटे हाथों में धागे की डोरी
लिए नभ नापने चलते हैं
पेंच लड़ा औरों से अपनी
नभ में बादशाहत कायम करते हैं
ढील छोड़ पतंग की
अपनी उड़ान ऊंची करते हैं,
आओ कहीं चलते हैं,
नगें पैरों तले मैदान में पतंग लिए,
पुरानी यादें ताजा करते हैं।
