तो भविष्य में पड़ेगा हमारी आने वाली पीढ़ी को पछताना। तो भविष्य में पड़ेगा हमारी आने वाली पीढ़ी को पछताना।
सिर्फ यादों को तराशने वाला यह दिल भी पानी की लहर की तरह है। सिर्फ यादों को तराशने वाला यह दिल भी पानी की लहर की तरह है।
आकर मुझे ले जाओ ना माँ तुम छुपी किधर मैं ढूंढ़ती यहाँ वहाँ। आकर मुझे ले जाओ ना माँ तुम छुपी किधर मैं ढूंढ़ती यहाँ वहाँ।
दीबा है मेरा नाम मेरे रुप कई हैं हूँ धूप कहीँ और कहीँ सावन की झड़ी हूँ दीबा है मेरा नाम मेरे रुप कई हैं हूँ धूप कहीँ और कहीँ सावन की झड़ी ...
दरख्तों के साए भी धूप लगती है, बिन पानी के भी प्यास बुझती है। दरख्तों के साए भी धूप लगती है, बिन पानी के भी प्यास बुझती है।
लहू का रूप हो गया लाल, हृदय ने आंसू ढरकाए। लहू का रूप हो गया लाल, हृदय ने आंसू ढरकाए।