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Pradeep Sahare

Action Inspirational

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Pradeep Sahare

Action Inspirational

प्रबंधक

प्रबंधक

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नौकरी में,

होता हैं प्रबंधक।

जो हमेशा,

होता हैं बंधक।

बंधक होता हैं,

निश्चित ध्येय का।

बंधक होता,

होने वाले व्यय का।

दोनों को सम्हालना,

उसकी जिम्मेदारी।

शुरु होती,

उसकी करतब गारी।

जैसे हो कोई,

सर्कस दरबारी।

व्यय को कम करें,

भभकते कर्मचारी।

आकर धमकाते,

गालियां देते सारी।

धेय से भटके तो,

डांटता उपर का अधिकारी।

सोचता हर पल,

क्या यह सब,

मेरी ही हैं जिम्मेदारी?

प्रश्न का उत्तर तो,

कभी नहीं मिलता।

हाँ, वह,

भीतर ही भीतर,

रहता हैं जलता ।

करता कोशिश,

कभी बूझने की।

याद आती,

अपनों को खोने की ।

आवाज आती कान में,

अपनों के रोने की।

आवाज से भटकता,

उसका बूझने का ध्यान।

फिर,

बढ़ती हुई धड़कनों से,

करता अपना काम ।

चेहरे पर,

खोखली मुस्कान लाकर।

गर्मजोशी से,

हाथ मिलाकर।

ऐसा होता है,

प्रबंधक।



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