माँ भारती पुकारती वीरों की राह चल रक्षक बने बेटों ने "कमल" प्राण दे दिया। माँ भारती पुकारती वीरों की राह चल रक्षक बने बेटों ने "कमल" प्राण दे दिया।
मेरी गोद में बेफिक्री से उसका सो जाना आँख खुले तो मुझे देखकर कभी मुस्कुरा देना मेरी गोद में बेफिक्री से उसका सो जाना आँख खुले तो मुझे देखकर कभी मुस्कुरा देना
उन पलों को तुम मेरी तन्हाईयों की सारी दास्ताँ सुना लेने देना उन पलों को तुम मेरी तन्हाईयों की सारी दास्ताँ सुना लेने देना
जिस्म महक उठता है जब धड़कनों पर सजे साज बज उठते हैं। जिस्म महक उठता है जब धड़कनों पर सजे साज बज उठते हैं।
पांव फैलाकर सो भी सकते हो , धरती को नाखूनों से खोदकर , अमूल्य रत्नों भी पांव फैलाकर सो भी सकते हो , धरती को नाखूनों से खोदकर , अमूल्य रत्न...
जो गुजर गया, वो भी क्या वक़्त था। जो गुजर गया, वो भी क्या वक़्त था।