संघर्ष
संघर्ष
संघर्ष के बिना सफलता का मजा कहां आता है
इकतरफा सा मैच भी क्या कोई मैच कहलाता है
सोना आग में तपकर और अधिक निखार पाता है
मेहनत की रोटी का स्वाद कुछ अलग ही आता है
धारा के विपरीत तैरने वाले को जोर बहुत आता है
पर सफलता की कहानी भी तो वही लिख पाता है
आंधी तूफानों से लड़कर एक वृक्ष खड़ा रह पाता है
एक नन्हा सा बीज धरती का सीना फाड़ उग आता है
सही और गलत के मध्य हर वक्त संघर्ष चलता रहता है
सही के साथ चलने वाला आखिर में मंजिल पा जाता है
कठिनाइयों से डरकर जो मैदान छोड़कर भाग जाता है
ऐसा व्यक्ति जीवन का हर युद्ध हार "पप्पू" कहलाता है।