रगो में रक्त की प्रवाह है कविता
रगो में रक्त की प्रवाह है कविता
दो दिलों की अजीब दास्तान है कविता I
दिल से दिल की बस अरमान है कविता
मुहब्बत की हर इबादत है
प्रेम की पहचान है कविता
इसे समझना होता आसान नहीं
सोइ हुई खुशियों का नाम नहीं
गीता की वाणी और अजान है
ग्रंथों की अभिमान है कविता
भले गढ़ ले गीत कोई अब नया
किताब करेगी हालात का बयां
दादी के किस्से और कहानी है
माँ की ममता और दुलार है कविता
हीर राँझे की प्रेम गीत है
लैला मजनूँ के फ़साने है
मुहब्बत की हर फरियाद है
प्रेम के अनकहे तराने है कविता
दिल से निकली हर आह में
मिलन की हरपल चाह में
खुशियों के खजानों में छुपी
खुशियों की पहचान है कविता
गम के बादलों में समाहित
अंतर्मन में जो है प्रवाहित
रग रग में जोश भर दे जो
रगो में रक्त की प्रवाह है कविता।