खुशियों के दीपक जलाये
खुशियों के दीपक जलाये
दीवाली में रौशनी फैलाये
इस जग में उजियाला लाये
इस दीवाली कुछ कर जाये
खुशियों के दीपक जलाये
हर घर हो अब मंदिर जैसे
माँ-बाप जहाँ भगवान जैसे
उस मंदिर में दीपक जलाये
खुशियों के दीपक जलाये
जनकल्याण के भाव जगे
मन में अब सद्भाव जगे
अपनों की सब दूरी मिटाये
खुशियों के दीपक जलाये
लक्ष्मी संग पूजे श्री गणेश
मिट जाये संशय व क्लेश
तरक्की की राह अपनाये
खुशियों के दीपक जलाये
छट जाये बादल तम के
मिट जाये संशय मन के
मन में ज्ञान दीप जलाये
खुशियों के दीपक जलाये
जीवन में बहार आ जाये
उपवन सुमन से महकाये
आओ ऐसा गुल खिलाये
खुशियों के दीपक जलाये।
