ज्यादा से ज्यादा
ज्यादा से ज्यादा
ज्यादा से ज्यादा
तुम कुचल दिये जाओगे
भीड़ के भितर
अंदर और बाहर
कोई चाहता ही नही तुम्हें जैसे
हर चीज सटक जाती है
तुमतक आते ही
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काबिलीयत और आपका
संबंध भी ना हो दूर दूर तक जैसे
इस हद तक
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कोई तुम्हें पुछनेवाला नही रहेगा
ज्यादा से ज्यादा तुम अकेले पड़ जाओगे
मन ही मन रो पड़ोगे
खामोशी जकड़ लेगी तुमको
आगे का धुंदला नजर आयेगा तुम्हें
कुछ भी समझ मे नही आयेगा तुमको
हो क्या रहा है
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जिंदगी जीने के असली मायने
रौंगते खड़े करेंगे,
तुम्हारे ही शरिर के ऊपर
समय नही होगा तुम्हारे पास
सबकुछ ठिक करने के लिए
अपने आप को कोसते,मारते फिरते रहोगे
हर बार बहुत बार
इससे ज्यादा क्या ?
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हर कोशिश बेकार रहेगी
निकम्मा बना देगी आपको
खोकले हो जाओगे तुम
ज्यादा से ज्यादा
मन नही लगेगा आपका
किसी भी चीज मे
जिंदगी नरक जैसी लगेगी तुमको
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साॅंस लेना जैसे एक बोझ बन जाएगा
अपने घायाल और
उन्मत शरीर के लिए
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आखिर कब तक,
कहाॅं तक
यह सोचकर जीना
हराम हो जायेगा आपका
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जीने की लड़ाई खत्म होती दिखेगी
अपने ही ॲाखों के सामने
करूॅ भी तो क्या करुॅं ?
ज्यादा से ज्यादा
कई बार ख्याल आयेगा,
रेल,पटरी,बस,ट्रक,
रस्सी,जहर
आत्महत्या
वगैरा वगैरा
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नाकमयाब पाओगे जिंदगी मे अपनेआप को
ज्यादा से ज्यादा
घुटन महसूस होगी कई बार
दम घुटने लगेगा,पसीना आयेगा ड़र के मारे
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घीन आयेगी खूद के ऊपर,
अपने अस्तित्व को लेकर
बहुत बार
सिर्फ मै ही क्यूॅ ?
ये सवाल आपकी नींद छीन लेगा
हर वक्त परेशान रहोगे आप
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इस जिंदगी से छुटकारा कैसे मिलेगा
सिर्फ इस बात पर अड़े ड़टे रहोगे
खाली पिली पेट के साथ
हर समय हर वक्त
इससे ज्यादा और क्या ?
ज्यादा से ज्यादा
उलझने और बढेगी
सुलझने की बजाये
तकलीफे,दर्द
और बढेगा कम होने की बजाये
बीपी हाई हो जाएगा आपका
नब्जे फट जायेगी,
आपके दिल और दिमाग की
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एक एैसे वक्त पर आप अपनेआप को
सरेंड़र करोगे,
मौत के हवाले करोगे,
ये दुनिया छोड़ कर चले जाओगे तुम
पता नही कब,कैसे,कहाॅं,किस वक्त
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एक दिन दो दिन
पाॅच दिन दस दिन
आप लोगो की बीच, भीतर रहोगे,
इससे ज्यादा कुछ भी नही
ज्यादा से ज्यादा
आप निपट गये जल्द ही
लोगों के लिए,
अपने घरवालों के लिए,
दुनिया के लिए
खो गए,गुजर गए वक्त की तरह
इससे ज्यादा कुछ भी नही
ज्यादा से ज्यादा
इससे ज्यादा कोई फर्क
नही पड़नेवाला
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कोई भारी भकम नुकसान नही होने वाला
किसी का भी
तुम्हें लेकर
ज्यादा से ज्यादा
ज्यादा से ज्यादा,
तुम्हारे मौत की तारिख तय होगी
कुछ कागज बनेंगे,
और तो और
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कुछ अलग ही नई दुनिया नही बनने बसने वाली
तुम्हारे जाने के बाद,
तुम्हारे बगैर
तुम को लेकर
इतना भी कुछ सिखाकर नही जानेवाले तुम
अपनों को
दुनिया को
कईयों को
यही लाईफ हैं यही जिंदगी हैं
और तो और,
बाद मे आपका जिक्र भी ना होगा शायद
किसी के जहन मे भी नही रहोगे तुम
दिमाग मे भी नही
इससे ज्यादा और क्या ?
ज्यादा से ज्यादा
एक बात तो तय है,
सच और हमेशा की तरह
दुनिया नही बदलनेवाली इस तरह
तुमको लेकर तुम्हारे जाने के बाद भी
बस्स तुम ‘है’से ‘थे’ हो जाओगे
इससे ज्यादा कुछ भी नही
ज्यादा से ज्यादा।
