चुस्कियाॅ
चुस्कियाॅ
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चाय की चुस्कियां
फुर्ररर सी आवाज
सोचता हुआ दिमाग
बीता हुआ कल.
आनेवाला पल.
बिना नींद की रातें
हजार बातें .
निकले हुए अल्फाज
ऊभरा हुआ शब्द.
ऊपर से खयालों मे तुम भी
और एक मै भी
और ये साली जिंदगी.
चाय खतम....|
