जीवन संघर्ष
जीवन संघर्ष
जैसे कंचन आग मे तपकर खरा उतरता है
संघर्ष से डटकर कर मानव खरा उतरता है
संघर्षो से जीवन कर कर्म सुधार कर लेते हैं
कर्तव्यों को सही कर भविष्य संवार लेते हैं
कर लो जतन की जीवन मे सुधार आये
इतनी खुशियाँ मिले के आँख भर आये
गिले शिकवे मिटाकर कर जीवन को जीते हैं
जीवन मे मिले सुख-दुख को स्वयं ही पीते हैं
सुख जीवन का अमृत है,तो मानो दुख गरल है
दोनों को स्वीकार,फिर जीवन कितना सरल है
जीवन को सरल बनाये सब सरल हो जायेगा
फिर जीवन और सघर्ष दोनों ही सहज भायेगा
एक ना एक दिन सफल होंगे ये मन मे ठानी है
सफलता और असफलता,आनी और जानी है।
