मुझे दीप सा जल जाने दो
मुझे दीप सा जल जाने दो
है नियति चलना अग्निपथ पर
मुझे दीप सा जल जाने दो
एक तमस् जो फैला जग में
एक अंध जो व्याप्त है मन में
मेरी जीवन अग्नि लौ से
पूर्ण तिमिर तुम मिट जाने दो
मुझे दीप सा जल जाने दो
एक कुहासा जो किरणों से
औ खेल रहा हँस कर अपनो से
सूर्य -से इस मेरे चरित्र से
सब कोहरा तुम छट जाने दो
मुझे दीप सा जल जाने दो
आशा का मैं नवल गान हूँ
भारतीय संस्कृति का सम्मान हूँ
घोर तिमिर में उठी तपन का
भोर से परिचय हो जाने दो
मुझे दीप सा जल जाने दो