माँ
माँ
बच्चों के चुप होने से, वो बात समझ जाए
बच्चों की उदासी पर, खुद आँसु बहाए
वो हमारी माँ कहलाए...
अपनी थकान को वो ना बताए
दर्द को अपने छुपाती जाए
एक आवाज देने पर वो उठ जाए
वो हमारी माँ कहलाए...
मायके की याद को सीने मे दबाए
सबकी चिंता मे वो ना सो पाए
मायके की यादो को वो ना भूल पाए
परिवार की जिम्मेदारी के लिए ,किसी को ना बताए
वो हमारी माँ कहलाए...
बच्चों की पसंद के पकवान बनाए,
बच्चों के खुश होने पर वो मुस्कुराए
वो हमारी माँ कहलाए....
पापा की हर बात को बिन बोले समझ जाए
उनकी हर बात को मानती जाए
वो हमारी माँ कहलाए..
बच्चोंं के जरा सा बात कर लेने पर वो
फूली ना समाए
जरा सा देर से आने पर दरवाजे पर इंतजार करती जाए
वो हमारी माँ कहलाए...
गलतियों पर हमेशा समझाए
गुस्सा आने पर डाँट भी लगाए
जब भी डाँटे ,तब भी खुद रोने लग जाएं
जब बच्चे परेशानी बताएं, सब सही होगा कहकर,
दिल को सुकून दे जाए
वो हमारी माँ कहलाए...।
