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Anshu sharma

Abstract Action Inspirational

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Anshu sharma

Abstract Action Inspirational

बडमावस्या की कहानी

बडमावस्या की कहानी

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हम सुनाए बडमावस्या की कहानी, 

राजा अश्वपति की थी एक राजकुमारी ।

सुन्दरता की वो थी मूरत, नाम सावित्री थी बहुत ज्ञानी, 

राजा ने कहा बेटी चुन लो अपना जीवन साथी।

सावित्री को मिले शाल्वदेश के राजकुमार, 

राजपाठ छिन गया था , रहते थे अंधे माता पिता के साथ ।

उस दिन नारद जी पधारे ,कुंडली बताई सावित्री की मुहँ जुबानी ।

सावित्री का वर होगा सत्यवान,

अल्पायु होगी पर ,होगा इससे अंजान ।

सावित्री ने सुना विधान,

हठ कर गयी होगा पति सत्यवान।

राजा बहुत हुए परेशान ,

लाडली को कैसे, किसी अल्पायु के साथ कर दे कन्यादान।

सावित्री नही हुई टस से मस ,

राजा हुए पुत्री के आगे बेबस।

सावित्री ने ढूँढे थे सत्यवान ,

किया कन्यादान , कलेजे पर था पत्थर ।

सावित्री ने ना लिया घर से कुछ भी मुट्ठी पर,

किस्मत का फैसला था उसे मंजूर।

गरीबी मे रहने लगी ,राज योग को त्याग दिया था जरूर,

नारद जी का बताया दिन,गिन रही थी हर पल हर क्षण।

उस दिन सोच कर अड़ गयी ,साथ चलुँगी जंगल, 

लकडी काटने सत्यवान गया था निकल।

पीछे चली जिदद पर थी अड़ी ।

चक्कर आया सत्यवान को ,तुरंत जमीन पर गिरा,

गोद मे लिटा लिया ,और करने लगी यमराज का पूजन।

यमराज ले चले प्राण ,पीछे चली नंगे पाँव,

यमराजा बोले लौट घर को जा ,

दो वर ले जा पर, 

पति वापस ना होगें तुम्हारे।

सावित्री के लगाया ज्ञान, माँगी

सास ससुर का आँखे और राजपाठ ।

दो वर मे मागाँ ,पर ना रूकी चलती रही बेजान।

यमराज बोले एक वर का तू और ले उपहार

पर लौट जा अपने दृवार।

सावित्री बोली बेटे का दो वरदान ,

तथास्तु कह कर चल दिए यमराज।

सावित्री बोली कैसा वर दिया यमराज,

आप पर भी उठेगें सवाल वरदान हो जाएगा  निष्फल 

 बेटा कैसे होगा,आपके साथ मेरे प्रियवर।

यमराजा चकराए....बोले सावित्री तू है महान ,

ले गयी तू वापस मुझसे अपने पति के प्राण।

आज का दिन बडमावस्या को मनाएगा सारा जहाँ,

वो पायेगा लम्बी आयु का वरदान।



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