STORYMIRROR

Mukesh Bissa

Abstract

4  

Mukesh Bissa

Abstract

एक राह

एक राह

1 min
311


पकड़ ली हमने राह 

अपनी एक अलग सी

और चल भी पड़े हैं

देखते है कि

हमारी मंज़िल 

कहां तक ले जाती है

साथ कबसे कब तक का है

ये तो समय की गर्त में है

अभी उन ख्वाबों के पीछे है हम

जिसे पूरा करने में 

बहुत पीछे रह गए हम

जिंदगी मौके देती है

सुबह उम्मीद देती है

जिंदगी की सुबह को बदलते हैं

नई शुरुआत करते हैं 

और जीवन बदल देते हैं

जिन से रिश्ता पुराना है 

चलो हम थोड़ा उन्हें मनाते हैं

रूठते मनाते 

जिंदगी यूं ही कट जाती हैं

प्यार से गुजारते हैं 

तभी जिंदगी आसान होती हैं



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract